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क्रेडिट कार्ड की केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के नुकसान

5 मिनट, नवंबर 23, 2022

24 साल की सिद्धि भास्कर को एक प्रतिष्ठित संस्थान से मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा लेने के बाद जल्‍द ही एक डिजिटल फर्मs में नौकरी मिल गई।

क्रेडिट कार्ड की केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के नुकसान

6 महीने बाद, उन्होंने अपने पहले क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया। बैंक ने काफी खुशी से कार्ड उन्हें दे दिया। बैंक ने इस बात पर विचार किया कि हर महीने की उनकी स्थिर आमदनी 40 हजार रुपये प्रति महीने है। खर्च करने की नई क्षमता से उत्साहित होकर, जिसमें उन्हें कोई कैश नहीं देना पड़ा, सिद्धि ने क्रेडिट कार्ड से खूब खर्च किया।

उसने क्रेडिट कार्ड से अपने लिए नए कपड़े और एक खूबसूरत बैग खरीदा, जिसे वह बहुत दिनों से खरीदना चाहती थी। इसके अलावा उन्होंने क्रेडिट कार्ड से कॉस्मेटिक्स का सामान और नए चश्मे खरीदे। इससे क्रेडिट कार्ड का उनका पहले महीने का बिल 30 हजार रुपये आया, जिसमें न्यूनतम देय राशि 2,000 राशि थी। उन्होंने इसका निर्धारित तिथि पर तुरंत भुगतान कर दिया।

क्रेडिट कार्ड से खर्च करने और हर महीने केवल न्यूतम देय राशि अदा करने का यह सिलसिला कई महीनों तक चलता रहा। चौथे महीने में उनका क्रेडिट कार्ड का कुल बिल 80 हजार रुपये से ज्यादा आया। उस समय सिद्धि सतर्क हुई और उसने ऐक्सिस बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) से इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए बात की। आरएम ने उसे क्रेडिट कार्ड की केवल न्यूनतम देय राशि के भुगतान के नुकसान के बारे में बताया।

उच्‍च ब्‍याज दर
अगर आप अपनी सुविधा से परे हटकर सोचें तो क्रेडिट कार्ड पर लोन एक अनसिक्‍योर्ड लोन है जो जारी करने वाले बैंक द्वारा दिया जाता है। चूंकि, इस लोन के लिए कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखी जाती इसलिए इस पर ब्‍याज दर बहुत उच्‍च होता है और यह अमूमन हर महीने 3 से 4 फीसदी होता है, जो साल भर में 36 से 48 फीसदी हो जाता है।

क्रेडिट कार्ड पर न्यूनतम देय राशि (एमएडी) पूरी राशि का सिर्फ 5 फीसदी होती है। यदि उपभोक्ता केवल न्यूनतम राशि अदा करता है तो बैंक इस पूरी राशि पर ब्याज लागता है।

यह आर्थिक रूप से काफी घातक हो सकता है। बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) ने उसे इसके लिए एकदम आसान उदाहरण दिया। उन्होंने सिद्धि को बताया कि न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के बाद उनकी कुल राशि 10 हजार रुपये थी। इस पर हर महीने 3 फीसदी की दर से ब्याज लगाया गया। इसमें यह माना गया कि सिद्धि अपने कार्ड से आगे खरीदारी नहीं करेगी।

दूसरे महीने में कुल बकाया राशि10000
कर्ज की बची हुई राशि पर ब्याज300
कुल राशि10300
दूसरे महीने में दी गई न्यूनतम देय राशि309
तीसरे महीने में कर्ज की बची हुई राशि9991
कर्ज की बकाया राशि पर ब्याज300
तीसरे महीने में कर्ज की बची हुई राशि10291
चौथे महीने न्यूनतम देय भुगतान515
चौथे महीने कर्ज की बची हुई राशि9776

इस कैलकुलेशन में 809 रुपये का भुगतान करने के बावजूद (दूसरे महीने 309 रुपये + तीसरे महीने 515 रुपये) सिद्धि के बकाया कर्ज की राशि में केवल 224 रुपये की कमी हुई। इसके बाद उन्होंने जितनी भी न्यूनतम देय राशि का भुगतान किया, उसे बैंक ने अपने ब्याज में जोड़ लिया।

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ब्याज मुफ्त अवधि
यह स्थिति और भी बदतर हो सकती थी, अगर सिद्धि केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करते हुए अपने क्रेडिट कार्ड से और खरीदारी करती रहती। आरएम ने समझाया कि यह क्रेडिट कार्ड पर लिए गए कर्ज की विशेष प्रकृति के कारण होता है।
अगर उपभोक्ता अपने पेमेंट करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता तो बैंक उसे करीब एक महीने की अवधि क्रेडिट कार्ड का लोन चुकाने के लिए देता है। हालांकि,जब उपभोक्ता तय तारीख से पहले कर्ज की बकाया राशि का भुगतान नहीं करता तो बैंक उस पर ब्याज वसूलता है। बैंक केवल उसी बकाया राशि पर ही ब्याज नहीं वसूलता जो उपभोक्ता को देनी होती है, बल्कि उपभोक्ता इसके बाद जो भी खरीदारी करता है, तो जब तक उपभोक्ता पूरी राशि का भुगतान नहीं करता तो उस राशि पर ब्याज वसूला जाता है। इसलिए अगर सिद्धि की कुल बकाया राशि 10 हजार रुपये है और वह अगले महीने अपने क्रेडिट कार्ड से 10 हजार रुपये और खर्च करती है तो बैंक 20,000 रुपये पर ब्याज वसूल करेगा। केवल महीने में की गई 10 हजार की खरीदारी पर ब्याज नहीं वसूला जाएगा। क्रेडिट कार्ड से इस ढंग से खर्च करने और केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने से वह कर्ज के जाल में फंस सकती हैं।

क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव
अगर उपभोक्ता लोन के लिए आवेदन करता है तो क्रेडिट स्कोर काफी जरूरी होता है। अगर कोई भी व्यक्ति हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड से केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करता है तो क्रेडिट ब्‍यूरो इसे ऐसे संकेत के तौर पर मानता है कि उस व्‍यक्ति को कर्ज देने में जोखिम हो सकता है।

एक खराब और संतोषजनक क्रेडिट स्कोर न होने से सिद्धि की लोन लेने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। बैंक उनके लोन के आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या उन्हें लोन देने के लिए कड़े नियम और शर्तों को तय कर सकते हैं।

सिद्धि को क्या करना चाहिए?
आरएम ने सिद्धि को बताया कि उसे क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक से यह पूछना चाहिए कि क्या वह अपने कर्ज की कुल बकाया राशि को आसानी मासिक किस्तों में बदल सकती है। इस तरह की आसान मासिक किस्तें बनवाने से उन्हें ब्याज भी कम देना पड़ेगा। इससे सिद्धि के पैसों की बचत होगी।

अगले कुछ महीनों के लिए, जब वह क्रेडिट कार्ड का बकाया बिल का भुगतान कर रही है, उसे नई खरीदारी से भी परहेज करना होगा। जहां तक संभव हो उसे अपने क्रेडिट कार्ड का बिल तय तारीख के अंदर पूरा जमा करना होगा।

ऐक्सिस बैंक उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं के अनुसार तरह-तरह के लाभ देने वाले क्रेडिट कार्ड उन्हें ऑफर करता है। उपभोक्ता अपने खर्च करने के तरीकों के हिसाब से ऐज रिवॉर्ड पॉइंट्स के हकदार होते हैं। वह इन्हें आकर्षक डील और ऑफर में बदल सकते हैं। ऐक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड के बारे में और जानने के लिए कृपया यहां क्लिक करें

डिस्क्लेमर: इस लेख के लेखन की जिम्मेदारी, कॉन्टेंट क्रिएशन और क्यूरेशन फर्म, द सोर्स ने संभाली है। ऐक्सिस बैंक किसी भी तरह से लेखकों के विचारों को प्रभावित नहीं करता। इस लेख की समाग्री या जानकारी के आधार पर वित्तीय निर्णय लेने पर उपभोक्ता को होने वाले किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नुकसान के लिए द सोर्स जिम्मेदार नहीं होगा। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्‍तीय सलाहकार से परामर्श करें।

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